राष्ट्रीय युवा दिवस 2024: स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर क्यों मनाया जाता है
असंभव कुछ भी नहीं है। जो भी करना है उसमें अपना पूरा दिमाग और पूरी उर्जा लगाओ। सफलता कभी भी तुमसे दूर नहीं जा सकेगी। यह कहना है स्वामी विवेकानंद का आइए जाने उनके जीवन से जुड़ी ऐसी ही कुछ प्रेरणादायक बातों के बारे में।
स्वस्थ शरीर में ही पलते हैं स्वस्थ विचार. एक और अनूठा प्रश्न प्रसंग स्वामी विवेकानंद के बारे में बताया जाता है। कहते हैं एक बार एक युवक गीता पढ़ने की इच्छा से स्वामी जी के पास आया। वह काफी दुबला पतला और बीमार सा लग रहा था। स्वामी जी ने उससे कहा कि वे उसे गीता अवश्य पढ़ाएंगे, किंतु, जब वह 6 महीने तक रोज फुटबॉल का अभ्यास करके आएगा। हालांकि युवक हैरान तो हुआ, पर उसने उनकी आज्ञा मान ली, और 6 महीने बाद वापस आया। स्वामी जी ने उसे देखा और मुस्कुराए, उसके बाद उसे श्रीमद् भागवत गीता का पाठ ज्ञान पूर्वक समझाया। जब उस व्यक्ति ने अपना अध्ययन पूरा कर लिया, तो अंतिम दिन उसने स्वामी जी से पूछा कि, पहले उन्होंने, उससे फुटबॉल का अभ्यास करने को क्यों कहा। स्वामी जी ने हंसते हुए कहा कि, जब तुम मेरे पास पहली बार आए थे, तो काफी दुबले पतले और अस्वस्थ लग रहे थे। जबकि गीता एक महान पुस्तक है। जिसमें शरीर ही नहीं मानसिक बल के बारे में भी काफी विस्तार से बताया गया है। ऐसे में जब तक तुम शरीर से स्वस्थ और सबल नहीं होते, तब तक पूरी सजगता से गीता के अध्यात्म से भरे ज्ञान को नहीं समझ सकते थे।

स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन यानी 12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. आइये जानते हैं युवा दिवस मनाने के लिए आखिर क्यों इस दिन को चुना गया
हर साल 12 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में उत्साह और खुशी से राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. इसी दिन स्वामी विवेकानंद जी की जयंती भी होती है. 1984 में भारत सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की जयंती के दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई और 1985 से हर साल 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचार और आदर्शों के महत्व को बढ़ावा देना है राष्ट्रीय युवा दिवस शुक्रवार 12 जनवरी, 2024 विवेकानंद के आदर्श और विचारों के महत्व को फैलाना

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस (Why is National Youth Day celebrated)
देश का भविष्य देश के युवाओं पर निर्भर करता है. इसलिए किसी भी देश के विकास में उस देश के युवाओं का अहम योगदान होता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि, युवाओं को सही मार्गदर्शन मिले. इसी उद्देश्य से हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. लेकिन युवा दिवस मनाने के लिए स्वामी विवेकानंद की जयंती का दिन ही क्यों चुना गया, आइये जानते हैं इसके बारे में. साथ ही जानते हैं विवेकानंद के जीवन के बारे में-

स्वामी विवेकानंद के जीवन जुड़ी बातें (Swami vivekananda biography)
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था.विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था और ये विख्यात आध्यात्मिक गुरु थे.विवेकानंद जब 25 साल के थे, तभी इन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर दिया और संन्यासी बन गए.1897 में इन्होंने कोलकाता में रामकृष्ण मिशन और 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की .अपनी मृत्यु से दो साल पहले 1900 में स्वामी विवेकानंद यूरोप से आखिरी बार भारत आए और बेलूर की ओर चल पड़े.उन्होंने अपना अंतिम समय शिष्यों के साथ बिताया और 04 जुलाई 1902 को विवेकानंद ने अंतिम सांस ली.

12 जनवरी को क्यों मनाया जाता है युवा दिवस
स्वामी विवेकानंद धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान और साहित्य के ज्ञाता थे. भारतीय शास्त्रीय संगीत में भी इनकी गहरी रुचि थी. स्वामी जी के विचार और कार्य आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. विवेकानंद के अनमोल और प्रेरणादायक विचार युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं. यही कारण है कि, स्वामी विवेकानंद की जयंती यानी 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम के आयोजन होते हैं, रैलियां निकाली जाती हैं और व्याख्यान होते हैं.