HomeHomeअब मजदूर भी कमाएगा इंजीनियर से ज्यादा

अब मजदूर भी कमाएगा इंजीनियर से ज्यादा

अब मजदूर भी कमाएगा इंजीनियर से ज्यादा

इसराइल में युद्ध से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए निर्माण श्रमिकों की आवश्यकता है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश से 10 हजार श्रमिकों के भर्ती करने का लक्ष्य है। इनमें भवन निर्माण में लगे सभी प्रकार के श्रमिक की डिमांड है। नीचे दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करें।उत्तर प्रदेश के उन्नाव स्थित सहायक श्रमायुक्त कार्यालय से 10 हजार श्रमिकों की वैकेंसी जारी की गई है। जो इजराइल से आई है। जारी वैकेंसी के अनुसार श्रमिकों को 1 लाख 37 हजार सैलरी पर रखा जाएगा। जिनका एग्रीमेंट 1 साल से 5 साल के बीच का होगा सहायक श्रमायुक्त कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार योग्यता व अर्हताएं बेसिक अंग्रेजी की जानकारी, बोलना और समझना आता हो। निर्माण की ड्राइंग को पढ़ने की योग्यता भी आनी चाहिए। उपरोक्त निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजे जाने की कार्रवाई एजेंसी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए श्रम एवं सेवायोजन और व्यावसायिक शिक्षा विभाग ने की है।इन पदों पर भर्ती कौशल विकास एवं उधमशीलता मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत एजेंसी एनएसडीसी इंटरनेशनल और इजराइल सरकार के अधीन कार्यरत एजेंसी करेगी। उत्तर प्रदेश से 10 हजार निर्माण श्रमिक इजरायल भेजे जाने का प्रयास है। सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि सिरेमिक टाइल्स, प्लास्टरिंग, फ्रेमवर्क, शटरिंग, कारपेंटर, आयरन वेल्डिंग के श्रमिकों की जगह खाली है। कुल 10 हजार वैकेंसी है। 21 से 45 वर्ष तक के आयु वर्ग के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। 2 से 3 साल का अनुभव भी होना चाहिए।

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इनसे संपर्क करें?

इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन पत्र में मांगी गई संपूर्ण जानकारी एनएसडीसी के माध्यम से पीआईबीए को भेजी जाएगी। पीआईबीए दस्तावेजों का सत्यापन करेगी। श्रम एवं सेवायोजन विभाग, एनएसडीसी व व्यावसायिक शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग के समन्वय से टेस्टिंग सेंटर का निर्माण होगा। जहां प्रतिदिन 500 अभ्यर्थियों के परीक्षण का कार्य किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को फ्री डिपार्चर ट्रेनिंग दी जाएगी। इजराइल जाने वाले श्रमिक सहायक लेखाकार अर्जुन प्रताप सिंह के मोबाइल नंबर 9140131005 से संपर्क कर सकते हैं।
इस्राइल बिल्डर्स एसोसिएशन के डिप्टी डायरेक्टर जनरल और प्रवक्ता शे पुजनर ने कहा कि चयन की प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू होगी, जो 10-15 दिनों तक चलेगी। इजैक गुरविट्ज के नेतृत्व वाली प्रतिनिधिमंडल मजदूरों के मुद्दों और चयन टीम को देख रही है।
इस्राइल के चयनकर्ताओं की एक टीम पिछले हफ्ते भारत दौरे पर आई थी और अब अगले हफ्ते एक अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल भारत के लिए रवाना होंगे। ये भारत में हजारों की संख्या में मजदूरों की भर्ती करेंगे जिससे कि इस्राइल में निर्माण उद्योग की भारी कमी की पूर्ति की जा सके। इस्राइल बिल्डर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है।

इस्राइल बिल्डर्स एसोसिएशन के डिप्टी डायरेक्टर जनरल और प्रवक्ता शे पुजनर ने कहा, ‘हम दिल्ली और चेन्नई में अगले हफ्ते 27 दिसंबर को प्रक्रिया शुरू करेंगे। फिलहाल हम सरकार की मंजूरी से 10,000 लोगों को ले जाएंगे और भविष्य में इसकी संख्या बढ़कर 30,000 तक होगी। इस प्रकिया में महीनों समय लग सकता है।’

अगले हफ्ते से शुरू होगी चयन प्रक्रिया

पुजनर ने बताया कि चयन की प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू होगी, जो 10-15 दिनों तक चलेगी। इजैक गुरविट्ज के नेतृत्व वाली प्रतिनिधिमंडल मजदूरों के मुद्दों और चयन टीम को देख रही है। वह पिछले हफ्ते भारत में ही थे और अगले हफ्ते भी अन्य सदस्यों और सीईओ इगल स्लोविक के साथ फिर से भारत आएंगे। निर्माण और आवास मंत्रालय के महानिदेशक येहुदा मोर्गेंस्टर्न भी इस दल में शामिल होंगे।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बात करते हुए इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत से इस्राइल में श्रमिकों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया पर चर्चा की। पिछले महीने पुजनर ने मीडिया को बताया, ‘हमें ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों की जरूरत है। यह सरकार ही तय करेगी कि लापता मजदूर कहां से आएंगे। इस्राइल को निर्माण कार्य के लिए अधिक से अधिक मजदूरों की जरूरत है।’

करीबन 18,000 भारतीय इस्राइल में करते हैं काम

करीबन 80,000 मजदूरों का समूह फलस्तीनी प्राधीकरण नियंत्रित वेस्ट बैंक से और 17,000 मजदूर गाजा पट्टी से आते हैं। वहीं चीन से करीब 7,000 मजदूर और पूर्वी यूरोप से 6,000 मजदूर आते हैं। इस्राइल के अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बरकत ने अप्रैल में अपने भारत दौरे पर भारतीय मजदूरों को काम पर रखने की बात की थी।

करीबन 18,000 भारतीय इस्राइल में काम करते हैं। युद्ध के दौरान उनमें से कई भारतीयों ने इस्राइल में ही रुकने का फैसला किया था। मई में इस्राइल ने भारत के साथ एक समझौता किया था, जिसमें 42,000 भारतीयों को इस्राइल में काम करने की अनुमति दी गई थी।

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